दोस्ती कोई मजाक नहीं...



दोस्ती कोई मजाक नहीं, पर दोस्त मजाक बनाता है,
कभी मेरा, तो मैं कभी उसका, बस समय बीत जाता है.
बेशक से रहें हम दूर मगर, पर साया है मेरा बना हुआ,
आंच कोई आए मुझ पर, तो चट्टान की तरह है खड़ा हुआ.


कभी वो होता मेरा सहारा, तो कभी मैं उसकी उम्मीद हूं,
अगर दिक्कत कोई तुझे सताए तो डरना मत, मैं वहीं हूं.
सही है सही है करते रहते, हम दोनो एक ही जैसे हैं,
जितना हम साथ में हंसते हैं, उतना ही मिल कर रोते हैं.


फोन पर "हां ठीक हूं" का मतलब, बस एक तू ही समझता है,
अगले पल में "क्या हुआ" पूछ कर, टेप-रिकार्डर बन जाता है.
तू सुनता मेरी सारी दुखड़ी, फिर अंत में मुझे समझाता है,
"कोई न, तू आग लगा देगा" बोल, मुझमें साहस दे जाता है.


बेशक से तू मेरा सगा नहीं, पर रिशता अपना निराला है,
एक तेरी जादू की झप्पी, मेरे लिए अम्रित का प्याला है. 
दोस्ती कोई मजाक नहीं, पर दोस्त मजाक बनाता है,
कभी मेरा, तो मैं कभी उसका, बस समय बीत जाता है.





                                                             - Rajan Nath

अपना बचपन ही कहीं खो गया...

Comments

Unknown said…
Nice bhai 😊😊

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