मुझे छोड़ दो ।
मुझे छोड़ दो ।
ना बात कहो, न बात सुनो,
जीने दो मुझको मुझ में ही,
मुझे छोड़ दो।
दर्द भरा है सीने में,
लफ़्ज़ों में रस रखता हूँ,
रहना चाहता हूँ दूर सभी से,
पर हँसता मैं रहता हूँ।
तुम क्या जानो मेरा आलम,
मैं जोकर सा दिखता हूँ,
पी कर अपना सब दर्द मेरा,
लोगों में खुश रहता हूँ।
रोता हूँ, दुखी होता हूँ,
पर लोगों को हंसाता हूँ,
गलती मेरी बस इतनी सी,
खुशियां लोगों में ढूंढ़ता हूँ।
बहुत हुई तलाश ख़ुशी की,
अब दर्द में जी लेने दो,
मत समझो अब तुम मुझको,
मेरे हाल पर, मुझे छोड़ दो।
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